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माँ आंचल हद मां का प्यार ज़िम्मेदारी गुस्सा सिंदूर मजबूरी घर सहनशील जंग जीवन यादों अच्छी कविता ये कविता दिल और दिमाग के बीच की बात जो इंसान को अपने हिसाब से जीने को बोलता हैं और इंसान कश्मकश में किसकी बात सुने दोनों की बाते सही हैं बेकरारी बातें सहयोग कामयाबी दिल

Hindi ज़िम्मेदारी किसकी Poems